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MUZAFFARPUR: बिहार के किसान अब अपने फसल ऑनलाइन बेचेंगे e-NAM पोर्टल के दुवारा!

MUZAFFARPUR: बिहार के किसान अब अपने फसल ऑनलाइन बेचेंगे e-NAM पोर्टल के दुवारा!

Muzaffarpur News: किसानों की चिंता फसलों को उगाने से ज्यादा उन्हें बेचने की होती है। अब किसानों को फसल बेचने के लिए मंडी या बाजार में जाने की जरूरत नहीं होगी। भारत सरकार ने इ-नाम पोर्टल ( नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट ) शुरू किया है, जिसके माध्यम से किसान अपनी फसल को ऑनलाइन बेच सकते हैं। इस पोर्टल के माध्यम से किसान, व्यापारी और खरीदारों को एक मंच पर लाया गया है, जिससे किसान फसलों का मूल्य देखकर उन्हें ऑनलाइन बेच सकते हैं। अब किसान घर बैठे फसल बेचकर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के इस ऑनलाइन कृषि बाजार में मुजफ्फरपुर को आकांक्षी जिला में शामिल किया गया है. इसके साथ ही सूबे के आठ जिला इसमें चयनित है. लेकिन जानकारी के अभाव में किसान इस पोर्टल से जुड़ नहीं पा रहे हैं. इसको लेकर कृषि विभाग की ओर से किसानों को जागरूक किया जा रहा है. इसके तहत नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट से जुड़ने के लिए किसानों को इस इ-नाम पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. विभाग की ओर से बताया गया है कि यह पूर्ण रूप से डिजिटल पोर्टल है.

आकांक्षी जिलों में शामिल जिला

  • मुजफ्फरपुर
  • सीतामढ़ी
  • अररिया
  • औरंगाबाद
  • बेगूसराय
  • गया
  • पूर्णिया
  • कटिहार

ऐसे करें रजिस्ट्रेशन

सबसे पहले किसान – https://enam.gov.in/ पोर्टल पर जायेंगे

पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के विकल्प को चुनेंगे

जिसमें रजिस्ट्रेशन फॉर्म में डिटेल, व बैंक के जुड़ी जानकारी को शेयर कर पंजीकृत होंगे

पोर्टल से किसानों को क्या है लाभ

  • बेहतर मूल्य खोज के माध्यम से व्यापार में पारदर्शिता
  • अधिक बाजारों और खरीददारों तक पहुंच
  • कीमतों पर वास्तविक समय की जानकारी
  • अलग-अलग मंडियों के बारे में जानकारी
  • त्वरित भुगतान
  • एक स्वस्थ वित्तीय प्रोफाइल से जुड़ सकेंगे

मुजफ्फरपुर के एक मंडी का भी रिकॉर्ड

विभागीय पोर्टल पर मुजफ्फरपुर के अहियापुर में एक मंडी का भी रिकॉर्ड है. जिसके संपर्क नंबर पर भी किसान जानकारी हासिल कर सकते हैं. ट्रेड में आम, दलहन, आलू, प्याज, केला, गेहूं, लीची, को शामिल किया गया है. रिकॉर्ड के अनुसार सूबे स्तर पर 20 मंडी रजिस्ट्रर्ड हैं. वहीं 26 अलग-अलग तरह की फसलों को ट्रेड में शामिल किया गया है.

क्या है डिजिटल मंच का उद्देश्य

फसलों का सही भाव मिलेगा या नहीं इस बात का डर हमेशा बना रहता है. इतना ही नहीं फसलों को मंडी में ले जाने से किसानों के अंदर बिचौलियों का भी डर रहता है. मंडियों में बिचौलियों के शोषण से बचने के लिए भी कई किसान मंडी जाने से परहेज करते हैं. इतना ही नहीं इससे किसानों का खर्चा भी बढ़ता है. इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने किसानों के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार यानी इ-नाम योजना की शुरुआत की है, ताकि घर बैठे किसानों को तमाम जानकारी मिल सके.

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