Shark tank india में 7 बिहारी का जलवा, 4 को मिला ऑफर, 3 ने इन्वेस्टमेंट ली, एक ने कर दिया रिजेक्ट, देखे लिस्ट!

Shark tank india में 7 बिहारी का जलवा, 4 को मिला ऑफर, 3 ने इन्वेस्टमेंट ली, एक ने कर दिया रिजेक्ट
Shark tank india

Shark tank India: बिहारी न कभी थकते हैं और न ही कभी रुकते हैं, इसका एक उदाहरण दरभंगा की ननद-भाभी की जाेड़ी ने पूरे देश के सामने पेश कर लाेगाें काे बिहार की ओर आकर्षित कर दिया है। इन्हाेंने एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर, सुगर कॉस्मेटिक्स की फाउंडर-सीईओ विनिता सिंह और झारखंड

एंजल्स काे दरभंगा आने पर मजबूर कर दिया। यह कहानी शुरू हाेती है जून 2021 से। काेराेना काल में घर पर बैठी 52 वर्षीय कल्पना झा अपनी 51 वर्षीय भाभी उमा झा से कहती हैं कि चलिए अचार का ऑनलाइन बिजनेस शुरू करते हैं। Also Read: IRCTC Tour Package: मात्र 7 हजार रुपये में 4 दिन का टूर, तिरुपति बालाजी के दर्शन का मौका!

ये काम शुरू करती हैं और अच्छा रिजल्ट मिलने लगता है। फिर ये दाेनाें अपना आइडिया लेकर फंडिंग के लिए साेनी टीवी के शाे शार्क टैंक इंडिया सीजन वन में पहुंचती हैं, जहां पर उनके जज्बे काे खूब सराहा जाता है, लेकिन फंडिंग नहीं मिलती। इसके बावजूद ये अपने काम में लगी रहती हैं। Also Read: IRCTC Tour Packages: आगया कम खर्च में घूमने का प्लान, ऐसे करे सस्ती बुकिंग!

7 जुलाई 2022 को इस कहानी में नया अध्याय जुड़ता है। पहली बार ऐसा हाेता है जब शार्क टैंक की टीम किसी एंटरप्रन्योर काे रिजेक्ट करने के बाद उनसे दाेबारा कॉन्टैक्ट करती है अाैर उनके घर पर आकर उन्हें 85 लाख की फंडिंग देकर जाती है। जबकि इन्हाेंने 10% के लिए 50 लाख ही मांगे थे।

21 से 86 साल तक के एंटरप्रन्योर Shark tank india

  • भागलपुर के भाई-बहन ने फल-सब्जी काे सड़ने से बचाने के लिए बनाई सब्जी काेठी।
  • गया के देवांशु ने सेप्टिक टैंक में बिना घुसे उसकी सफाई के लिए बनाया राेबाेट और मशीन, अब उसकी गैस का डर नहीं।

बिहारी एंटरप्रन्योर ने कई समस्याओं का समाधान देश के सामने रखा

शार्क टैंक इंडिया के दाेनाें सीजन में मिलाकर पूरे देश से लगभग 250 एंटरप्रन्योर बिजनेस आइडिया लेकर इन्वेस्टर्स तक पहुंचे हैं। पहले सीजन में 62 हजार और दूसरे में लगभग 7 लाख लाेगाें ने अप्लाई किया था। इनमें चुने गए 250 एंटरप्रन्योर में से बिहार के 7 लोग शामिल हैं। बिहार के 21 से 86 साल तक के एंटरप्रन्योर हैं।

सत्तूज : मधुबनी

मधुबनी के दंपती सचिन कुमार और ऋचा कुमारी सत्तूज लेकर शार्क टैंक इंडिया में पहुंचे। इन्हाेंने अनहेल्दी ड्रिंक्स की जगह प्रोटीन से भरे सत्तू काे हेल्दी ड्रिंक के रूप में जीवन में शामिल करने का एक प्रयास किया है। इन्हाेंने चाॅकलेट, जलजीरा और स्वीट फ्लेवर में सत्तू का पैकेट बनाया है। शुरुआत इन्हाेंने साल 2018 में की। इस पैकेट काे कहीं भी, कभी भी घाेल कर पीया जा सकता है। जिससे इनर्जी मिलती है। लेकिन इन्हें फंड नहीं मिला।

सोलिनास इंटीग्रिटी : गया

गया के देवांशु कुमार ने भावेश नारायणी, मोइनक बैनर्जी, लिंडा जैसलीन और आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर के साथ सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए सोलिनास इंटीग्रिटी की शुरुआत वर्ष 2018 में की। सेप्टिक टैंक की सफाई में मजदूराें की परेशानी, बीमारी और उससे हाे रही माैत को जाना। इसके समाधान के लिए ऐसा राेबाेट व मशीन बनाई, जिससे सेप्टिक टैंक में घुसे बिना सफाई हो सकती है। इनमें इन्वेस्ट करने को शार्क आपस में लड़ गए, इन्होंने 90 लाख की फंडिंग ली।

गाेपालगंज : चैप्टर वन और द बिग बुक बाॅक्स

गाेपालगंज की 26 वर्षीय सुरभि संजना व यूपी के 26 वर्षीय देश दीपक सिंह अपना स्टार्टअप लेकर पहुंचे। इन्हाेंने लाेगाें तक आसानी से तरह-तरह की किताबें पहुंचाने के लिए चैप्टर वन ऑनलाइन बुक स्टाेर और द बिग बुक बाॅक्स मंथली बुक सब्सक्रिप्शन काे शुरू किया है। इन्होंने लाखों लोगों तक ऐसी किताबें पहुंचाई हैं जो बाजार में आसानी से नहीं मिलती। इन्हें फंडिंग नहीं मिली।

टी-फिट : पटना

पटना की ज्योति भारद्वाज ने चीनी की अधिक मात्रा से बचाव के लिए कई फ्लेवर में आयुर्वेदिक चाय और अन्य ड्रिंक्स बनाए हैं। उन्होंने देखा कि भारत में लगातार डायबिटीज के मरीज बढ़ रहे हैं। इसी के समाधान के लिए ज्योति ने वर्ष 2021 में टी-फिट की शुरुआत की। उन्हाेंने आयुर्वेदिक चाय में बार्ली का उपयाेग कर मिठास लाई है। वह मुंबई में रह कर काम कर रही हैं। उन्हें 50 लाख की फंडिंग मिली।

अविमि हर्बल, सब्जी काेठी :

भागलपुर भागलपुर के राधा कृष्णा चाैधरी (86), सिद्धांत अग्रवाल, अंबिका अग्रवाल, विनिता अग्रवाल और विभाेर अग्रवाल अपना स्टार्टअप अविमि हर्बल लेकर शार्क टैंक इंडिया गए। ये हेयर केयर और स्किन केयर प्राेडक्टस बनाते हैं। वर्ष 2021 में अपने बिजनस की शुरुआत की। इन्हें फंड ऑफर किया गया, पर इन्हाेंने ऑफर नहीं लिया। वहीं एक भाई-बहन निक्की कुमार झा (26) व रश्मि (21) फल व सब्जी विक्रेताओं की समस्याओं के समाधान के लिए सब्जी काेठी लेकर पहुंचे। जिसमें फल-सब्जी काे स्टाेर कर 30 दिनाें तक ताजा रखा जा सकता है। 2020 में शुरुआत की थी।

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