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Bengali Wedding में दुल्हन को अपने सिर पर मुकुट देखे होंगे, जानिए इसके पीछे का राज़, जो कोई नहीं बताता!

बंगाली के शादी में दुल्हन को अपने सिर पर मुकुट देखे होंगे, जानिए इसके पीछे का राज़ जो कोई नहीं बताता!
Bengali Wedding में दुल्हन को अपने सिर पर मुकुट देखे होंगे, जानिए इसके पीछे का राज़, जो कोई नहीं बताता!
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हमारे पवित्र ग्रंथों में विवाह से जुड़े ऐसे कई अनुष्ठान हैं जिनका पालन हम लंबे समय से करते आ रहे हैं। शादी के रीति-रिवाज एक स्थान से दूसरे स्थान पर भिन्न-भिन्न होते हैं और सभी समारोहों का कुछ न कुछ अनोखा महत्व होता है।

शादियों में हल्दी, मेहंदी, जयमाल और पगफेरा की रस्में होती हैं, उसी तरह बंगाली शादियों में भी कुछ रीति-रिवाज होते हैं जिनके बारे में हर किसी को जानना जरूरी है। जब भी हम किसी बंगाली महिला को देखते हैं तो उनकी सबसे अनोखी चीज उनके सिर पर लगा ताज होता है।

बंगाली शादियों में दुल्हन को सजाते समय इस मुकुट को पहनना बहुत जरूरी होता है। कोई कह सकता है कि यह उस समय की महिला का चरित्र है। ज्योतिषाचार्य डॉ. आरती दहिया जी से जानिए क्या है इस मुकुट को धारण करने का औचित्य और क्या है इसका महत्व।

दुल्हन के मुकुट का धार्मिक महत्व

In the Bengali wedding, the bride must have seen crowns on her head, know the secret behind it which no one tells!

अगर हम बंगाली दुल्हन के मुकुट के धार्मिक महत्व की बात करें तो ये पवित्रता, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह दुल्हन को बुरी शक्तियों से बचाता है और उसके वैवाहिक जीवन में ख़ुशी और सफलता लाता है। इस मुकुट से दुल्हन के जीवन में सदैव सौभाग्य बना रहता है और कोई भी नकारात्मक शक्ति दूर रहती है।

दुल्हन के मुकुट का सांस्कृतिक महत्व

सदियों से ही मुकुट बंगाली दुल्हन की पोशाक का एक पारंपरिक हिस्सा है। इसे सदियों से बंगाली दुल्हनें पहनती आ रही हैं और इसे उनकी खूबसूरती बढ़ने के साथ आने वाले वैवाहिक जीवन के आनंद के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

ऐसा माना जाता है कि यह मुकुट दम्पति के जीवन में खुशहाली लाता है और उनके रिश्ते को मजबूत बनाता है। मुकुट लगाना बंगाली दुल्हन के लिए इसलिए भी जरूर माना जाता है क्योंकि यह उनकी संस्कृति की झलक होता है।

सम्मान का प्रतीक

बंगाली दुल्हन के मुकुट को उनके सम्मान का प्रतीक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि ये इस बात का प्रतीक है कि शादी में दूल्हे और दुल्हन में कोई अंतर नहीं है और जिस प्रकार वर का सम्मान होता है उसी प्रकार वधु को भी सम्मान देना जरूरी माना जाता है।

खूबसूरती को बढ़ाता है बंगाली दुल्हन का मुकुट

मुकुट एक सुंदर वस्तु है जो बंगाली दुल्हन के रूप को और ज्यादा निखारता है। ये अलग-अलग डिज़ाइन में बनाए जाते हैं जिससे दुल्हन का श्रृंगार भी पूर्ण लगता है। मुकुट आमतौर पर सफेद रंग का होता है जिसे जटिल पैटर्न और डिजाइन से सजाया जाता है, अक्सर इसे लाल या सुनहरे रंग से सजाया जाता है।

इस मुकुट को सिर के शीर्ष पर पहना जाता है और इसे घूंघट के साथ रखा जाता है। मुकुट बंगाली दुल्हन परंपरा का एक त हिस्सा है और यह एक विवाहित महिला के रूप में दुल्हन की नई स्थिति का प्रतीक माना जाता है।

मुकुट पहनने के ज्योतिष कारण

बंगाली दुल्हन का मुकुट विवाहित महिलाओं के रूप में उनकी नई स्थिति का प्रतीक माना जाता है। यह उनके अधिकार और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। जब एक बंगाली दुल्हन मुकुट पहनती है, तो वह प्रतीकात्मक रूप से एक पत्नी, मां और घर की कर्ता धर्ता के रूप में सामने आती है। यह दुल्हन को किसी भी तरह के नुकसान से बचाता है। जब कोई दुल्हन मुकुट पहनती है तब वो खुद को सुरक्षित महसूस करती है और भविष्य में आने वाली किसी भी नकारात्मक शक्ति से उसे सुरक्षा मिलती है।

सदियों से ही मुकुट बंगाली दुल्हन परंपरा का एक सुंदर और सार्थक हिस्सा है। यह दुल्हन की नई स्थिति, उसके अच्छे भाग्य और उसके सुखी और समृद्ध भविष्य की आशा का प्रतीक है।

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