ऐसे में मां तड़पती रही लेकिन उसे बेटे का शव नहीं मिला। डीएनए टेस्ट भी हुआ, लेकिन घटना के 18 दिन बाद भी आज तक नेपोलियन के शव को नहीं निकाला गया। अंत में थक हारकर, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बेबस की मां घर लौट आईं। उन्हें इंतजार है कि कोई उनके बेटों के बारे में जानकारी दे। इलाहाबाद के ठीक बगल में रहने वाले एक और युवा मंजय के निधन की अब तक पहचान नहीं हो पाई है।
ऐसे में मां तड़पती रही लेकिन उसे बेटे का शव नहीं मिला। डीएनए टेस्ट भी हुआ, लेकिन घटना के 18 दिन बाद भी आज तक नेपोलियन के शव को नहीं निकाला गया। अंत में थक हारकर, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बेबस की मां घर लौट आईं। उन्हें इंतजार है कि कोई उनके बेटों के बारे में जानकारी दे। इलाहाबाद के ठीक बगल में रहने वाले एक और युवा मंजय के निधन की अब तक पहचान नहीं हो पाई है।
ऐसे में मां तड़पती रही लेकिन उसे बेटे का शव नहीं मिला। डीएनए टेस्ट भी हुआ, लेकिन घटना के 18 दिन बाद भी आज तक नेपोलियन के शव को नहीं निकाला गया। अंत में थक हारकर, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बेबस की मां घर लौट आईं। उन्हें इंतजार है कि कोई उनके बेटों के बारे में जानकारी दे। इलाहाबाद के ठीक बगल में रहने वाले एक और युवा मंजय के निधन की अब तक पहचान नहीं हो पाई है।
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मंजय विवाहित हैं और उनके दो मासूम बच्चे हैं। मंजय के पिता बहादुरानंद राय भी अपने बेटों के लिए उड़ीसा चले गए, लेकिन उनके बेटे का शव नहीं मिला और कोई जानकारी नहीं मिली। उनका भी डीएनए सैंपल ले लिया गया है, ताकि किसी की मौत से मैच हो सके। हालाँकि अब जब भी यहाँ से बुलाया जाता है तो वहाँ कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया जाता।